मुक्तक
बारम्बार प्रयास करो तो, मिले सफलता,
चिंता और निराशा छोडो, गई विफलता.
असफलता से विमुख न हो,संघर्ष करो तुम,
जब अवसर अनकूल,प्रगति पर जीवन चलता |
जब प्रताड़ित हो कभी संघर्ष में,
या निराशा हो खड़ी उत्कर्ष में,
हर विफलता से न विचलित हो कभी,
तो सफलता भी मिले अपकर्ष में |