मुक्तक
आँखों में थी इक चिंगारी, दिल में एक समुन्दर था।
अँग्रेजों से लड़ने वाला, भगत सिंह जोरावर था।
मंगल पाण्डेय राजगुरू, सुखदेव लाजपत गाँधी,
गुदड़ी के अब वो लाल कहाँ, जिन पर देश निछावर था।
प्रीतम श्रावस्तवी
श्रावस्ती (उ०प्र०)
आँखों में थी इक चिंगारी, दिल में एक समुन्दर था।
अँग्रेजों से लड़ने वाला, भगत सिंह जोरावर था।
मंगल पाण्डेय राजगुरू, सुखदेव लाजपत गाँधी,
गुदड़ी के अब वो लाल कहाँ, जिन पर देश निछावर था।
प्रीतम श्रावस्तवी
श्रावस्ती (उ०प्र०)