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4 Feb 2021 · 1 min read

” मुक्तक “

इक नज़र को नज़र से चुराते हो क्यों,
ज़ख़्म अपने जिगर का दिखाते हो क्यों,
चाहतें यूं मोहब्बत की मुश्किल नहीं,
अपनी आंखों से आशूं बहाते हो क्यों।

एस. बी. ” मधुर ”
सोनभद्र, उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 270 Views
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