मुक्तक
थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है!
मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है!
शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की,
रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(26)
थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है!
मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है!
शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की,
रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(26)