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22 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

ग़मो का आज भी दरिया खुशी से पार करता है।
बसाया है जिसे दिल में वही बेज़ार करता है।
हसीं यादों के’ मंजर में न वो तुमको भुला पाया,
अकेला आज भी हर रोज इंतेज़ार करता है।

Language: Hindi
208 Views
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