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19 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

खुद को ही महकाने के लिए थोडा इत्र ही काफी है
ये दिल बहलाने को महबूबा का चित्र ही काफी है।
ये उदास जिंदगी संवारने के लिए कुछ ज्यादा नहीं
बस इतना ही समझो प्यारा-सा मित्र ही काफी है।।

–अशोक छाबडा

Language: Hindi
2 Likes · 261 Views
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