मुक्तक
ये जिंदगी बहुत खूब सूरत है तू,अपनों का प्यार ममता की मूरत है तू
बस मेरी इक ही गुजारिश है तुझसे मेरे अपनों को धोखा ना देना क्योंकि अपनों की पल पल जरूरत है तू
ये जिंदगी बहुत खूब सूरत है तू,अपनों का प्यार ममता की मूरत है तू
बस मेरी इक ही गुजारिश है तुझसे मेरे अपनों को धोखा ना देना क्योंकि अपनों की पल पल जरूरत है तू