मुक्तक
तुम निगाहों से अपनी ना कातिल करो
रोज_हमको_सताने_से_क्या फायदा
पास_आके_सनम_तुम_लगालो_गले
रोज_दूरी_बढ़ाने_ से_ क्या_ फायदा
तुम निगाहों से अपनी ना कातिल करो
रोज_हमको_सताने_से_क्या फायदा
पास_आके_सनम_तुम_लगालो_गले
रोज_दूरी_बढ़ाने_ से_ क्या_ फायदा