मुक्तक
जो होगा अच्छा ही होगा कब से सुना हम सब ने
कॉल ने शिकंजा कसा दर्द गहरा हुआ सब पर
एक एक कर के रुखसत सा होने लगा इंसान
एक कोरोना का गहरा वार हुआ हम सब पर
अजीत कुमार तलवार
मेरठ
जो होगा अच्छा ही होगा कब से सुना हम सब ने
कॉल ने शिकंजा कसा दर्द गहरा हुआ सब पर
एक एक कर के रुखसत सा होने लगा इंसान
एक कोरोना का गहरा वार हुआ हम सब पर
अजीत कुमार तलवार
मेरठ