मुक्तक
कर्म प्रधान जगत में केवल, कर्म ही करते जाओगे,
गीता का है सार यही, जो बोओगे, वह पाओगे।
उसने मंजिल कब पायी, जो बंधा भाग्य की सांकल से,
कर्तव्यों के पथ पर चलकर शिलालेख लिख जाओगे।।
✍️विपिन शर्मा
कर्म प्रधान जगत में केवल, कर्म ही करते जाओगे,
गीता का है सार यही, जो बोओगे, वह पाओगे।
उसने मंजिल कब पायी, जो बंधा भाग्य की सांकल से,
कर्तव्यों के पथ पर चलकर शिलालेख लिख जाओगे।।
✍️विपिन शर्मा