मुक्तक
दिल ने एक पुकार सुनी है अभी – अभी
क्या तुझ तक भी पहुंची है रुकी – रुकी
सुनना मत इस को दिल की कानों से
दर्द देगा ये सर्द रातों में कभी – कभी
~ सिद्धार्थ
दिल ने एक पुकार सुनी है अभी – अभी
क्या तुझ तक भी पहुंची है रुकी – रुकी
सुनना मत इस को दिल की कानों से
दर्द देगा ये सर्द रातों में कभी – कभी
~ सिद्धार्थ