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14 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

जाना तेरे शहर की खुशबू को हम दिल में लिए चलते है
हम आज फिर एक और सफ़र पे तनहा ही निकलते हैं

तेरे याद की अंगनाई में हम यूं ही घुमा फीरा करते हैं
तेरे यादों के स्नेह सुमन को अंक में लिए हम चलते हैं
~ सिद्धार्थ
2.
हम ने तुम को समझाया है
सहरा में नहीं घुमा करते है

कांटों के घनेरी जंगल को
उठा उठा के चूमा नहीं करते हैं
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 183 Views
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