मुक्तक
भला क्यूं कर मैं तुम्हें याद करू
कौन सा तुम मेरे यादों में बसते हो
ये अलग बात है जाना तुम मुझ को
मेरे जैसे ही थोड़े पागल दिखते हो
1.
कौन है जहां में जो मेरे पागलपन को झेलेगा
मेरे सारे सुख दुख को पलकों पे अपने ले लेगा
तुम भी तो मुझ से जाना एक दिन उक्ताओगे
फिर दूर बहुत दूर खुदी को लिए चले जाओगे
मैं तुम से किस तरह बोलो उकता सकती हूं
खुदी से दूर भला कहां मैं तो जा सकती हूं
कहो तो कौन चाहेगा मुझे भोर होने तलक
मैं जिस जी से बनी उस जी से बड़ी जल्दी उतरी हूं
~ सिद्धार्थ