Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

मेरी उल्फ़त मिटाना चाहता है
कि मुझ्को आज़माना चाहता है

जला कर दिल भी शायद ख़ुश नहीं वो
मुझे पल पल जलाना चाहता है

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

Language: Hindi
398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ये दिल तेरी चाहतों से भर गया है,
ये दिल तेरी चाहतों से भर गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
Dr fauzia Naseem shad
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
लोगो की नजर में हम पागल है
लोगो की नजर में हम पागल है
भरत कुमार सोलंकी
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
हम हारते तभी हैं
हम हारते तभी हैं
Sonam Puneet Dubey
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
If.. I Will Become Careless,
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
4541.*पूर्णिका*
4541.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
TAMANNA BILASPURI
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
संवेदना अभी भी जीवित है
संवेदना अभी भी जीवित है
Neena Kathuria
#हर_घर_तिरंगा @हर_घर_तिरंगा @अरविंद_भारद्वाज
#हर_घर_तिरंगा @हर_घर_तिरंगा @अरविंद_भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
अनुभूति
अनुभूति
Shweta Soni
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
आर.एस. 'प्रीतम'
यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार
यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार
पूर्वार्थ
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
Loading...