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21 Feb 2020 · 1 min read

मुक्तक

1.
दिल फूंका, जज्बात फूंका, दिल में दबा ख्वाब फूंका
सब फूंका – फूंका हुआ ही मुझ में रखा है

सब फूंका चीज अक्सर राख नहीं होता
सोना जले फिर भी वो ख़ाक नहीं होता
~ सिद्धार्थ
2.
मनुष्य के रक्त में डूबे
मनुष्य के बाहु को हम
रक्षकामी बाहु कह नहीं सकते
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 225 Views
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