मुक्तक
ये हिन्दू लाल है मां का ये मुस्लिम लाड़ला मां का
न इनमें फूट तुम डालो दोनों अभिमान है मां का
है हिंदी हिंद को प्यारी नहीं उर्दू है बेचारी
रहो मिलके हमेशा तुम यही तो गान है मां का
ये हिन्दू लाल है मां का ये मुस्लिम लाड़ला मां का
न इनमें फूट तुम डालो दोनों अभिमान है मां का
है हिंदी हिंद को प्यारी नहीं उर्दू है बेचारी
रहो मिलके हमेशा तुम यही तो गान है मां का