मृगनयनी
मृगनयनी नयनों में काजल।
तीर बिना ही करती घायल।
इस नयनों से कितने मरते,
कितने हो जाते हैं पागल।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
मृगनयनी नयनों में काजल।
तीर बिना ही करती घायल।
इस नयनों से कितने मरते,
कितने हो जाते हैं पागल।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली