मुक्तक
१.
मुझे तो आती नही… जिसको जो मानना है मान लो
तस्बीरें एक सी हैं देवनागरी से ही मुझे पहचान लो !
…सिद्धार्थ
२.
ये रौनकें देख बता किस कदर आंखों पे पर्दा करें हम
अपनी उम्र की ख्वाहिशों से खुद को बेपर्दा करें हम !
…सिद्धार्थ
३..
‘हाय’ इसी चाय ने तो देश के भी नस- नस में दर्द करा दिया
अब अंग- प्रत्यंग टूट रहा है जुड़ने का उपाय तक मार दिया !
…सिद्धार्थ