मुक्तक
कौन कहता है कि भगवान मिलते नही है।
सच्ची आस्था से तुमने कभी पुकारा नहीं है।
अरे पत्थर में भी भगवान मिलते है।
तुमने अभी तक प्रेम के आँसू बहाये नहीं है।
बृन्दावन बैरागी “कृष्णा” कौड़िया
कौन कहता है कि भगवान मिलते नही है।
सच्ची आस्था से तुमने कभी पुकारा नहीं है।
अरे पत्थर में भी भगवान मिलते है।
तुमने अभी तक प्रेम के आँसू बहाये नहीं है।
बृन्दावन बैरागी “कृष्णा” कौड़िया