मुक्तक
आज भी ख्यालों में यादों की तन्हाई है!
आज भी दामन में जख्मों की गहराई है!
मंजिलें बिखरी हुई हैं बेरुखी से तेरी,
धड़कनों में गूँजती तेरी बेवफाई है!
#महादेव_की_कविताऐं’
आज भी ख्यालों में यादों की तन्हाई है!
आज भी दामन में जख्मों की गहराई है!
मंजिलें बिखरी हुई हैं बेरुखी से तेरी,
धड़कनों में गूँजती तेरी बेवफाई है!
#महादेव_की_कविताऐं’