जिंदगी
आधे अधुरे मन से कोई काम नहीं करना।
यूँ हीं बरबाद अपना सुबह-शाम नहीं करना।
ऐसे जियो की आखरी सांस भी मुक्कमल हो-
अपने जिन्दगी को यूँ ही तमाम नहीं करना।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
आधे अधुरे मन से कोई काम नहीं करना।
यूँ हीं बरबाद अपना सुबह-शाम नहीं करना।
ऐसे जियो की आखरी सांस भी मुक्कमल हो-
अपने जिन्दगी को यूँ ही तमाम नहीं करना।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली