मुक्तक
कभी दीपक बिना तेल जलता नहीं,
हाँ उजाले बिना काम चलता नहीं,
भूख मिटती नहीं ख्वाब में ये कभी
बात से तो कभी पेट भरता नहीं
कभी दीपक बिना तेल जलता नहीं,
हाँ उजाले बिना काम चलता नहीं,
भूख मिटती नहीं ख्वाब में ये कभी
बात से तो कभी पेट भरता नहीं