अब बरसती नहीं आंखें।
अब बरसती नहीं आंखें ना दिल रोता है,
दर्द भरी शायरी ना मन को छूता है,
हमने सीख लिया हुनर अपने गम छुपाने का,
टूटे दिल के तार से नगमे बनाने का,
हां! ये सच है कि नगमे मेरे होंगे,
इन नगमों में मगर रुसवाईयां तेरे होंगे,
अब टूटा है दिल तो कुछ शोर भी जरुर होगी,
इन शोरों से मगर कुछ महफिलें भी अंजोर होगी,
तेरी बेवफईयों को महफ़िल महफ़िल गाऊंगा,
डर मत मेरी जान तेरा नाम किसी को ना बताऊंगा,
मेरे प्यार को सौदा कहके तूने इस कदर बदनाम किया,
कलम वाले हाथों में तूने अब जाम दिया,
इश्क के नाम से मेरा ईमान रोता है,
अब बरसती नहीं आंखें ना दिल रोता है……..
Ranjeet rana