मुक्तक
कोशिश सब बेकार दिख रही पप्पु की नादानी में,
मान लो मेरा कहना फिर से भैंस गई अब पानी में,
बातें तो ईमान धरम की करते हैं सब मंचों से
पर बेच रहे ईमान धरम सारे ही कौड़ी कानी में!
कोशिश सब बेकार दिख रही पप्पु की नादानी में,
मान लो मेरा कहना फिर से भैंस गई अब पानी में,
बातें तो ईमान धरम की करते हैं सब मंचों से
पर बेच रहे ईमान धरम सारे ही कौड़ी कानी में!