मुक्तक
तुमको क्या बताएँ हम कैसे गम छुपाते हैं,
ज़माने को दिखाने को हँसी ओठों पे लाते हैं,
बडी खुदगर्ज़ है दुनिया यह तो जानते है हम
गमो को पुछके हमको सभी अब तो रुलाते हैं।
तुमको क्या बताएँ हम कैसे गम छुपाते हैं,
ज़माने को दिखाने को हँसी ओठों पे लाते हैं,
बडी खुदगर्ज़ है दुनिया यह तो जानते है हम
गमो को पुछके हमको सभी अब तो रुलाते हैं।