मुक्तक
औरों को ख़ुश देख के जलते नहीं हैं हम,
कीमत लगाते लोग पर बिकते नहीं हैं हम,
मुझ से हैं कई लोग इसी बात से ख़फा,
जीते हैं सर उठा के क्यूं झुकते नहीं हैं हम
औरों को ख़ुश देख के जलते नहीं हैं हम,
कीमत लगाते लोग पर बिकते नहीं हैं हम,
मुझ से हैं कई लोग इसी बात से ख़फा,
जीते हैं सर उठा के क्यूं झुकते नहीं हैं हम