मुक्तक !
वो बदन ही नहीं तू ध्यान से देख
तू बदन के आगे भी कुछ और देख के देख
लड़कियां हर दौर में बेहतरीन होती हैं
ढलेंगी हर सांचे में एक बार तू ढाल के तो देख !
।।सिद्धार्थ।।
वो बदन ही नहीं तू ध्यान से देख
तू बदन के आगे भी कुछ और देख के देख
लड़कियां हर दौर में बेहतरीन होती हैं
ढलेंगी हर सांचे में एक बार तू ढाल के तो देख !
।।सिद्धार्थ।।