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19 Feb 2020 · 1 min read

मुक्तक

चलो ज़िंदगी को एक हुनर से संवारा जाए
हर किसी को महोब्बत से पुकारा जाए।
लब पर चासनी में लिपटी दो बातों से
न कुछ तुम्हारा जाए न कुछ हमारा जाए।।

Language: Hindi
1 Like · 399 Views
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