मुक्तक
नमन मंच
विधा – मुक्तक
****************************
मात्रा भार – २१
अब हकीकत छुपाने से क्या फायदा।
गम को हृदय लगाने से क्या फायदा।
जिन्दगी की ये गाड़ी न रुकती कभी-
अजी जीवन मिटाने से क्या फायदा।।
मात्रा भार – २०
प्यार मिटता नहीं जान लो यार तुम।
प्यार है बंदगी मान लो यार तुम।
प्यार ईश कृपा है न मुंह फेरना-
प्यार बिकता नही मानलो यार तुम।।
—–स्वयंरचित,स्वप्रमाणित
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”