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6 Nov 2020 · 1 min read

मुक्तक —–वक्त !!!!

(१) मुक्तक —– वक्त!!!
वक्त चलता रहा ,कुछ छूटा ,कुछ बदलता रहा।
व्यक्ति वक्त के हिसाब से ढलता रहा।
वक्त से कहां कौन जीत पाया है यारों।
वक्त के हाथों यह जीवन गिरता संभलता रहा।।
(२) आना जाना ,पाना खोना, लगा रहेगा इस संसार में।
प्रेम से मिलकर जीना जीवन ,क्या रखा तकरार में।
जीतकर तो हर कोई, खुश होता है यारों,
कभी कभी मुस्कुराना भी ,सीखो अपनी हार में।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 347 Views
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