मुक्तक- कहाँ खुशबू मिलेगी यह..
मुक्तक- कहाँ खुशबू मिलेगी यह..
■■■■■■■■■■■■■■■■
कहाँ खुशबू मिलेगी यह कहाँ ये फूल पाएंगे,
हवा मिट्टी न इस पावन धरा की धूल पाएंगे,
यहाँ हमने बिताए हैं हसीं पल जिंदगी के जो,
उन्हें जाएं कहीं भी पर कभी ना भूल पाएंगे।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 16/02/2020