“मुक्तक”- ( तेरे दिल का राज़ )
“मुक्तक”- ( तेरे दिल का राज़ )
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कभी तुम कहती हो कि पास चले आओ।
कभी तुम कहती हो कि दूर चले जाओ ।
पता ही नहीं चलता कि चाहती क्या हो…
तेरे दिल का राज़ अब तू ही बतलाओ ।।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 25-07-2021.
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