मुक्तक :– जिंदा लाश से लिपटी रही !!
मुक्तक :– जिंदा लाश से लिपटी रही !!
आज मेरी साँस तेरी साँस से लिपटी रही !
और पलकें एक हसीं अहसास से लिपटी रही !
दर्द से पत्थर जिगर भी टूर कर कुम्हला गय़ा ,
आरजू मेरी आश जिंदा लाश से लिपटी रही !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”