मुक्तक :– ग़म का साझेदार बना मुझे …….!!
मुक्तक :– ग़म का साझेदार बना मुझे ……!!
सात जन्म की पट्टेदारी संग तेरे सौ वार लूँ !
गम का साझेदार बना मुझे हर गम मै संघार लूँ !
गर काल तुझे लेने आये मौत खड़ी हो द्वार पे ,
सीना अड़ा के सामने मौत को स्वीकार लूँ !!