मुक्तक अवधेश के मुक्तक
#मुक्तक
डर किसी का है तुम्हें या, दिल में ईर्ष्या है भरी ।
कुछ बिगाड़ा क्या तुम्हारा, या वजह कुछ दूसरी ।
बेरुखी का क्या सबब है, नफरतों का दौर क्यूं,
कुछ समझ आता नहीं है, क्यों फिज़ा है बावरी।
अवधेश 02 जून 2022
#मुक्तक
डर किसी का है तुम्हें या, दिल में ईर्ष्या है भरी ।
कुछ बिगाड़ा क्या तुम्हारा, या वजह कुछ दूसरी ।
बेरुखी का क्या सबब है, नफरतों का दौर क्यूं,
कुछ समझ आता नहीं है, क्यों फिज़ा है बावरी।
अवधेश 02 जून 2022