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2 Jul 2022 · 1 min read

मुक्तक अवधेश के मुक्तक

#मुक्तक
डर किसी का है तुम्हें या, दिल में ईर्ष्या है भरी ।
कुछ बिगाड़ा क्या तुम्हारा, या वजह कुछ दूसरी ।
बेरुखी का क्या सबब है, नफरतों का दौर क्यूं,
कुछ समझ आता नहीं है, क्यों फिज़ा है बावरी।
अवधेश 02 जून 2022

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