मुक्तक।
मुक्तक।
फरिश्ते भी फेरे , लगा रहे होंगे,
मल्लिका ए हुस्न ,बता रहे होंगे।
बनाया ही खुदा ने, हसीन इतना,
पहले दीदार की होड़ लगा रहे होंगे।।
पंकज शर्मा”तरुण”.
मुक्तक।
फरिश्ते भी फेरे , लगा रहे होंगे,
मल्लिका ए हुस्न ,बता रहे होंगे।
बनाया ही खुदा ने, हसीन इतना,
पहले दीदार की होड़ लगा रहे होंगे।।
पंकज शर्मा”तरुण”.