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30 Aug 2020 · 1 min read

*मुक्तक*हद से गहरा प्यार

कितना अपनापन रहा होगा बरसती बारिश की बूंदों में !
जो धरती की प्यास बुझाने आसमां से ज़मीं तक आ गई !!
वरना कौन आता है आसमां पाने के बाद तपती ज़मीं पर !
हद से गहरा प्यार रहा होगा जो लौट के ज़मीं पर आ गई !!
इन्तेहाँ तो देखो रिमझिम बरसती बूंदों के अनकहे प्यार की !
अस्तित्व ख़ुद का मिटाकर तपती ज़मीं की प्यास बुझा गई !!

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 916 Views

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