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13 Apr 2021 · 1 min read

मुक्कमल असर

मुक्तक
मुहब्बत का दिल पर मुक़म्मल असर है।
कि वश में नहीं अब हमारा ज़िगर है।
रहूँ रातदिन अब ख़यालो में डूबा
तुम्हारी नज़र का असर कारग़र है।

अदम्य

Language: Hindi
264 Views
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