मुकद्दर पर नहीं रोते
यक़ी करते हैं जो खुद पर,
मुकद्दर पर नहीं रोते।
बना के रास्ते अपने,
वह मंज़िल ढूंढ लेते हैं।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
यक़ी करते हैं जो खुद पर,
मुकद्दर पर नहीं रोते।
बना के रास्ते अपने,
वह मंज़िल ढूंढ लेते हैं।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद