मुंगेरीलाल के सपने…
मुंगेरीलाल के सपने दिखाने कौन आता है
कि अरसे बाद बस बातें बनाने कौन आता है
जरा बूझो, तुझे फिर अक्ल का पुतला मैं समझूँगा
किसी मुफ़लिस के घर दावत उड़ाने कौन आता है
मुहब्बत से सभी रहते कि हिन्दू हों, मुसलमां हों
हमारे बीच में दूरी बढ़ाने कौन आता है
जरूरत एक कुर्सी की गली तक खींचती वरना
किसी मजलूम पे ऑंसू बहाने कौन आता है
वही आता यहाँ ‘आकाश’ जिसका काम है ठगना
चुनावों में भला सर को झुकाने कौन आता है
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 29/10/2023