Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2022 · 1 min read

“मीनू की कुर्सी”

“मीनू की कुर्सी”
अलग अलग डिजाइन की बनती
भिन्न भिन्न धातु का होता प्रयोग
युगों युगों से युद्ध हुए इसके लिए
कुर्सी नाम से इसे जानते हैं लोग,
सबको चाहिए मखमली नर्म कुर्सी
देखें वहीं छिड़ी कुर्सी की लड़ाई
वर्चस्व का उत्तम आधार है यह
इसने हर वर्ग में तू तू मैं मैं कराई,
कुर्सी के पीछे दौड़ रहा हर मानव
देखें वहीं दिखें आखें तमतमाई
आम जन को विधायकी लगे प्यारी
विधायक ने कुर्सी सी एम वाली चाही,
भाई को चाहिए बड़े भाई वाली कुर्सी
पत्नी को कुर्सी पति वाली रास आई
हर प्राणी की लालसा बॉस की कुर्सी
शुकून वाली कुर्सी मीनू के मन भायी।

Language: Hindi
2 Likes · 154 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
मित्रता तुम्हारी हमें ,
मित्रता तुम्हारी हमें ,
Yogendra Chaturwedi
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
लहसुन
लहसुन
आकाश महेशपुरी
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मेरी फितरत
मेरी फितरत
Ram Krishan Rastogi
रात का आलम किसने देखा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
"दीप जले"
Shashi kala vyas
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
■ welldone
■ welldone "Sheopur"
*Author प्रणय प्रभात*
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
2558.पूर्णिका
2558.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
*षडानन (बाल कविता)*
*षडानन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Anil chobisa
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रतिबद्ध मन
प्रतिबद्ध मन
लक्ष्मी सिंह
सम्मान
सम्मान
Paras Nath Jha
जानते हैं जो सबके बारें में
जानते हैं जो सबके बारें में
Dr fauzia Naseem shad
जंगल का रिवाज़
जंगल का रिवाज़
Shekhar Chandra Mitra
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
Dr MusafiR BaithA
"ताकीद"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
Loading...