Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2023 · 1 min read

जानते हैं जो सबके बारें में

जानते हैं जो सबके बारें में ।
अपने बारें में कुछ नहीं कहते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
2393.पूर्णिका
2393.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐प्रेम कौतुक-169💐
💐प्रेम कौतुक-169💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
"सुधार"
Dr. Kishan tandon kranti
सुवह है राधे शाम है राधे   मध्यम  भी राधे-राधे है
सुवह है राधे शाम है राधे मध्यम भी राधे-राधे है
Anand.sharma
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हम पर ही नहीं
हम पर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कलम की वेदना (गीत)
कलम की वेदना (गीत)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ एक ही सलाह...
■ एक ही सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
.......,,,
.......,,,
शेखर सिंह
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
Loading...