मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं
मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं
सच्चे प्रेम की तीखी बोली, मृत्यु सुनिश्चित करवाता हैं
रण कौशल का मूल खिलाड़ी, शून्य गति को जाता हैं
मूल बिन्दु के मद मोहक, मन्दिर को ठुकराता हैं
मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं
शब्द बाण की धनुष प्रत्यंचा, खुद का मान घटाता हैं
जीवन की छोटी सी गलती, लक्ष्य प्राप्ति सीख लाता हैं
कर्मठता के पथ पर झुककर, खांदित अनूप वह पाता हैं
छोटी सी आत्मिक शक्ति से व्यक्ति खास बन जाता हैं
मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं