Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 2 min read

मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी

आलेख :- एक पंक्ति जो मशहूर हो गयी :-
– राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

उर्दू शायरी में ऐसे बहुत से कमाल के शेर हैं जिनका केवल दूसरा मिसरा (line) इतना मशहूर हुआ, कि लोग पहले मिसरे (line) को तो भूल ही गये।
ऐसे ही कुछ , चन्द उदाहरण यहाँ पेश हैं:

1- “ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है??
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।
शायर – मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

2- “भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया,
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।”
शायर – माधव राम जौहर

3- “चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले,
आशिक़ का जनाज़ा है, ज़रा धूम से निकले।”
शायर – मिर्ज़ा मोहम्मद अली फ़िदवी

4- “दिल के फफोले जल उठे सीने के दाग़ से,
इस घर को आग लग गई, घर के चराग़ से।”
शायर – महताब राय ताबां

5- “ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम,
रस्म-ए-दुनिया भी है,मौक़ा भी है, दस्तूर भी है।”
शायर*- क़मर बदायूंनी*

6- “क़ैस जंगल में अकेला ही मुझे जाने दो,
ख़ूब गुज़रेगी, जो मिल बैठेंगे दीवाने दो।”
शायर*- मियाँ दाद ख़ां सय्याह*

‘7- मीर’ अमदन भी कोई मरता है?
जान है तो जहान है प्यारे।”
शायर – मीर तक़ी मीर

8-“शब को मय ख़ूब पी, सुबह को तौबा कर ली,
रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई।”
शायर – जलील मानिकपुरी

9-“शहर में अपने ये लैला ने मुनादी कर दी,
कोई पत्थर से न मारे मेंरे दीवाने को।”
शायर – शैख़ तुराब अली क़लंदर काकोरवी

10- जब से आया है मौसम चुनाव का।
कुत्ते मेरी गली के शेर हो गये।।
B शायर- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

11- “ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने,
लम्हों ने ख़ता की थी, सदियों ने सज़ा पाई।”
शायर – मुज़फ़्फ़र रज़्मी
***

*पेशकश :- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक – ‘आकांक्षा’ पत्रिका
टीकमगढ़ (मप्र)*
मोबाइल-9893520965

1 Like · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Y
Y
Rituraj shivem verma
मिट्टी का बदन हो गया है
मिट्टी का बदन हो गया है
Surinder blackpen
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
Chaahat
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इक रोज़ मैं सोया था,
इक रोज़ मैं सोया था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
--बेजुबान का दर्द --
--बेजुबान का दर्द --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
कपट
कपट
Sanjay ' शून्य'
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
कलम बिकने नहीं देंगे....
कलम बिकने नहीं देंगे....
दीपक श्रीवास्तव
आ अब लौट चलें.....!
आ अब लौट चलें.....!
VEDANTA PATEL
AE888 - Tham Gia và Trải Nghiệm Cá Cược Trực Tiếp với Tỷ Lệ
AE888 - Tham Gia và Trải Nghiệm Cá Cược Trực Tiếp với Tỷ Lệ
AE888
*pyramid*
*pyramid*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज भी
आज भी
Dr fauzia Naseem shad
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
"बेल की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
Loading...