Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2017 · 1 min read

मिल गये हैं ख़ुशी के ख़ज़ाने मुझे

मिल गये हैं ख़ुशी के ख़ज़ाने मुझे
====================
ये गरीबी लगी है डराने मुझे!
तंगदस्ती लगी है सताने मुझे!

वक़्त रुकता नहीं वो चला जा रहा,
मुफलिसी के सुनाते तराने मुझे!

नींद आती नहीं रात में भूख से,
चांद भी आ गया है चिढ़ाने मुझे!

छीन ली है अराज़ी ज़मींदार ने,
बेकसी आ गई है रुलाने मुझे!

हाथ बेटी के पीले नहीं कर सका,
शेख आने लगे हैं रिझाने मुझे!

ज़िन्दगी भर किया है बेगारी यहां,
आएगा कब मसीहा बचाने मुझे!

बात हक़ की बताने कहाँ जाऊँ मैं,
देख वो आ गये हैं मिटाने मुझे!

छोड़ कर साथ सारे चले जा चुके,
कौन आये यहाँ अब हँसाने मुझे!

क्या नसीबा लिखा है ख़ुदा ने मेरा,
कर्ज क्या क्या पड़ेंगे चुकाने मुझे!

चल पड़ा हूँ ख़ुदा जब तेरी राह मैं,
मिल गये हैं ख़ुशी के ख़ज़ाने मुझे!

©कुमार ठाकुर
07.10.2017

477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"समय बहुत बलवान होता है"
Ajit Kumar "Karn"
காதலும்
காதலும்
Otteri Selvakumar
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
सोने की चिड़िया
सोने की चिड़िया
Bodhisatva kastooriya
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
gurudeenverma198
आए गए कई आए......
आए गए कई आए......
कवि दीपक बवेजा
।। धन तेरस ।।
।। धन तेरस ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
शेखर सिंह
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
4630.*पूर्णिका*
4630.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#कहमुकरी
#कहमुकरी
Suryakant Dwivedi
😊 लघुकथा :--
😊 लघुकथा :--
*प्रणय*
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह।
जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह।
sushil sarna
मुक्तक .....
मुक्तक .....
Neelofar Khan
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
Ram Krishan Rastogi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
Sanjay ' शून्य'
Loading...