Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2024 · 1 min read

मिले हैं ऐसे भी चेहरें हमको जिंदगी के सफ़र में

मिले हैं ऐसे भी चेहरे, मुझको जिंदगी के सफर में।
बदलती जिनकी मुहब्बत, हर नये शहर में।।
देखा है मेरी निगाहों ने, उनके रंगीन मिजाज को।
मासूम गुलों से खेलते, उनको हर उम्र में ।।
मिले हैं ऐसे भी चेहरे——————–।।

रहा हूँ मैं भी जमीं पर, कहीं ऐसी ही बस्ती में ।
जहाँ दीवानों को मदहोश , देखा गुलों की मस्ती में।।
गिला नहीं है जिनको , हुर्रों की जिंदगी लुटकर।
अपनी हस्ती को पवित्र , दिखाते हर नजर में ।।
मिले हैं ऐसे भी चेहरे ————————-।।

हसीन फूल देखकर , कर लेते हैं मुहब्बत।
करके बदनाम कली को, हो जाते हैं रुखसत।।
शुबहा नहीं किसी को, इनकी दिलकश कलप पर।
बनकै माहताब चमकते हैं, जो हर महफ़िल में।।
मिले हैं ऐसे भी चेहरे——————-।।

उम्रभर साथ निभाने का, कर लेते हैं इकरार।
खिलौना मानकै औरत का ,लूट लेते है करार।।
कोई अफसोस नहीं इनको, अपने नापाक कर्म पर।
बदलते हैं इनके नकाब, हर नयी शिरकत में ।।
मिले हैं ऐसे भी चेहरे——————।।

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
(शिक्षक एवं साहित्यकार)
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: गीत
9 Views

You may also like these posts

*🌸बाजार *🌸
*🌸बाजार *🌸
Mahima shukla
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
पिता:(प्रदीप छंद)
पिता:(प्रदीप छंद)
Ashok Sharma
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
Neelofar Khan
*सपोर्ट*
*सपोर्ट*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
बिन माली बाग नहीं खिलता
बिन माली बाग नहीं खिलता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
गुमनाम 'बाबा'
ज़िंदा एहसास
ज़िंदा एहसास
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
gurudeenverma198
*तेरी ख़ुशबू*
*तेरी ख़ुशबू*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कसौटी है प्यार की...
कसौटी है प्यार की...
Manisha Wandhare
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Dipak Kumar "Girja"
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मटिये में जिनिगी
मटिये में जिनिगी
आकाश महेशपुरी
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
मोदी राग
मोदी राग
जय लगन कुमार हैप्पी
सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब
सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब
Sudhir srivastava
"असलियत"
Dr. Kishan tandon kranti
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
Rj Anand Prajapati
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
■अहम सवाल■
■अहम सवाल■
*प्रणय*
उसकी मर्जी
उसकी मर्जी
Satish Srijan
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क़िरदार अपनी आंखों में झलक उठता है,
क़िरदार अपनी आंखों में झलक उठता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
Loading...