Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2023 · 1 min read

मिले वो सारी खुशियाँ

नए साल में मिले वो सारी ख़ुशियाँ,
जो हर पल तुम्हें खुश रखे?

थोड़ी सी ख़ुशी उन मेहनतक़शो संग बाँट लेना,
जो दो वक्त की रोटी के लिए जी तोड़ मेहनत करते.
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
139 Views
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
Ravi Prakash
आज जो तुम तन्हा हो,
आज जो तुम तन्हा हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
हम सीवान के लड़के हैं
हम सीवान के लड़के हैं
Nitu Sah
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बुद्ध पर वार है।
बुद्ध पर वार है।
Acharya Rama Nand Mandal
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
राखी
राखी
Shashi kala vyas
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
Shilpi Singh
तुम्हारी बातें
तुम्हारी बातें
Jyoti Roshni
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
Ranjeet kumar patre
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
शेष न बचा
शेष न बचा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दुर्गा भाभी
दुर्गा भाभी
Dr.Pratibha Prakash
पुकार
पुकार
Minal Aggarwal
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
अपनापन ठहरा है
अपनापन ठहरा है
Seema gupta,Alwar
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
Priya princess panwar
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
इ सभ संसार दे
इ सभ संसार दे
श्रीहर्ष आचार्य
लो फिर गर्मी लौट आई है
लो फिर गर्मी लौट आई है
VINOD CHAUHAN
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
कितने लोग मिले थे, कितने बिछड़ गए ,
कितने लोग मिले थे, कितने बिछड़ गए ,
Neelofar Khan
Loading...