मिले बड़ो का आशीष
जब हम छूते बड़ो के चरण,
वही हैं हमारा सच्चा आचरण,
जब मिलता हमे बड़ो से आशीष,
झुक जाता प्रेम से अपना शीश,
जीवन की हर राह होती आसान,
खुशियाँ मिलती बढ़ती हमारी शान,
हर कदम पर मिलता नया सम्मान,
जगह जगह जग में जगमगाता मान,
छोटे बनकर जो मिलता स्नेह प्यार,
खुश होती अन्तर्रात्मा बनते नए यार,
दो मीठे बोल सुन होता हर काम सहज,
मन ही मंदिर बनता फिर क्यों जाये हज,
छल कपट क्रोध भागते देखकर प्रेम पवित्र,
मन से हटती दुर्गंध तन पर क्यो लगाते इत्र,
।।जेपीएल।।।