मिला हूँ जो तुझमे, तो तेरी छवि हो गया हूँ ..
मिला हूँ जो तुझमे, तो तेरी छवि हो गया हूँ
ढलते उजालों का जैसे, मैं रवि हो गया हूँ
कोई कहता हैं पागल, कोई कहता दीवाना,
लोग देते हैं ताना, की कवि हो गया हूँ ..
– नीरज चौहान
मिला हूँ जो तुझमे, तो तेरी छवि हो गया हूँ
ढलते उजालों का जैसे, मैं रवि हो गया हूँ
कोई कहता हैं पागल, कोई कहता दीवाना,
लोग देते हैं ताना, की कवि हो गया हूँ ..
– नीरज चौहान