मिला चाय संग पकौड़ा
******* मिला चाय संग पकोड़ा *******
*********************************
मिल गया है जन जन को चाय संग पकौड़ा
सीने पर रोज पड़ रहा सरकारी हथौड़ा
खुद के वेतन बढा रहे चाहे फैला हो कोरोना
कर्मचारी जो कुछ मांगे तो उनका मुँह फोड़ा
किसानी के नाम पर किसानों से वोट बटोरे
किसानो की छातियों को लाठियों से तोड़ा
ले रहे एक से अधिक मरणोपरांत भी पैंशने
खत्म कर पैंशने बने कर्मी के रस्ते का रोड़ा
देश का मुख विकास की राह रहता ढ़ूंढ़ता
निज पीढ़ी का कर विकास खूब धन जोड़ा
चोर के सौ दिनों बाद दिन शाह का आए
आगामी चुनावों में जाएगा भांडा फोड़ा
मनसीरत ने देखें हैं सियासती रंग गिरगिटी
आँखें दिखा कर जनता का विश्वास तोड़ा
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)